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(as of Jul 31, 2021 15:34:22 UTC – Details)
From the Publisher
SHUDDHA JEEVAN JEENE KE MANTRA by BRAHMA KUMARIS
The Brahma Kumaris teach that souls enter bodies to take birth in order to experience life and give expression to their personality
ब्रह्माकुमारीज़ महिलाओं द्वारा चलाई जाने वाली विश्व में सबसे बड़ी आध्यात्मिक संस्था है। इस संस्था के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा ने माताओं और बहनों को शुरू से ही आगे रखने का फैसला लिया और इसी के कारण विश्व की अन्य सभी आध्यात्मिक और धार्मिक संस्थानों के बीच में ब्रह्माकुमारीज़ अपना अलग अस्तित्व बनाये हुए है। पिछले 80 वर्षों से इनके नेतृत्व ने लगातार हिम्मत, क्षमा करने की क्षमता और एकता के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता को साबित किया है।
हालांकि सभी शीर्ष व्यवस्थापकीय पदों पर महिलायें नेतृत्व करती हैं लेकिन यह शीर्ष की महिलायें हमेशा अपने निर्णय भाईयों के साथ मिलजुल कर लेती हैं। यह सहभागिता और आम सहमति के साथ नेतृत्व का एक आदर्श है जो सम्मान, समानता और नम्रता पर पर आधारित है। यह एक कुशल और सामंजस्यपूर्ण अधिकारों के उपयोग का उदाहरण रूप है।
ब्रह्माकुमारीज़ की मूल शिक्षाएँ एवं सिद्धांत आत्मा और तत्वों के बीच के आपसी संबंध की वास्तविक समझ प्रदान करता है | साथ-ही-साथ आत्मा, परमात्मा और भौतिक विश्व के बीच परस्पर सम्बन्ध की समझ भी दी जाती है |
चेतना और आत्म अनुभूतिपरमात्मा के साथ सम्बन्ध और समीपताकर्म के सिद्धान्तसमय चक्रजीवन रूपी वृक्षआध्यात्मिक जीवनशैली
दादी जानकी जी का जन्म सन 1916 में हुआ और इस समय वे ब्रह्माकुमारीज़ विश्व विद्यालय की मुख्य प्रशासिका के रूप में सेवारत हैं। अपनी अचल प्रतिबद्धता के साथ अनेकों की सेवा करते हुए वो अपने आपको किसी भी प्रकार के सीमा में बांधना पसन्द नहीं करती। इस संस्था के साथ वो 1937 से जुड़ी और लण्डन में 1974 से आज तक 40 वर्ष का समय आपने बिताया। विभिन्न संस्कृति और व्यवसाय के लोगों को उन्होंने अपने जीवन से प्रेरित किया और उनमें बेहतर विश्व निर्माण के लिए अपने जीवन को सर्वश्रेष्ठ बनाकर सहयोगी बनाया। उनकी ज्ञानयुक्त गहरी और व्यावहारिक बातों को सुनना और देखना अभूतपूर्व आनन्द के क्षण होते हैं।
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The Brahma Kumaris are a spiritual movement that originated in Hyderabad, Sindh, during the 1930s. The Brahma Kumaris (Sanskrit: ब्रह्माकुमारी, “Daughters of Brahma” movement was founded by Lekhraj Kripalani. The organisation is affiliated with the United Nations and is known for the prominent role that women play in the movement.
It teaches a form of meditation that focuses on identity as souls, as opposed to bodies. They believe that all souls are intrinsically good and that God is the source of all goodness. The organisation teaches to transcend labels associated with the body, such as race, nationality, religion, and gender, and it aspires to establish a global culture based on what it calls “soul-consciousness”.
In 2008, the movement claimed to have more than 825,000 regular students, with over 8,500 centres in 100 countries
Publisher:Prabhat Prakashan – Delhi; 1st edition (1 January 2019); Prabhat Prakashan – Delhi
Language:Hindi
Paperback:216 pages
ISBN-10:9351867854
ISBN-13:978-9351867852
Item Weight:267 g
Dimensions:20 x 14 x 4 cm
Country of Origin:India
Importer:Prabhat Prakashan – Delhi
Packer:Prabhat Prakashan – Delhi
Generic Name:Books