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Price: ₹135.00
(as of Jul 29, 2021 01:59:24 UTC – Details)


दुनिया उन्हें उनके नाम वॉरेन बफे से कम और शेयर बाजार के जादूगर, बर्कशायर के बादशाह, वॉल स्ट्रीट के सबसे बड़े खिलाड़ी और ऑरकेल ऑफ ओमाहा के नाम से ज्यादा जानती है। एक सामान्य कद-काठी और हास्य भाव रखनेवाले इस व्यक्ति को देखकर कहीं से नहीं लगता कि वह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा और अमेरिका का दूसरा सर्वाधिक अमीर आदमी हो सकता है। अप्रैल 2007 में ‘फोर्ब्स’ पत्रिका की जारी अरबपतियों की सूची में उन्हें माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स और मेक्सिको के कार्लोस स्किम हेल के बाद तीसरा स्थान मिला। दुनिया भर के लोगों की भलाई के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन को दिए 30 अरब डॉलर, यानी अपनी सकल संपदा का लगभग 83 फीसदी दान में देकर वॉरेन ने महादान का एक नया इतिहास रच दिया। वॉरेन बफे के व्यक्तित्व को समझना या उनके बारे में कोई एक राय बना पाना शेयर बाजार की तरह ही पेचीदा है। एक ओर जहाँ वे वॉल स्ट्रीट में पाई-पाई के लिए जोड़-तोड़ करते रहते हैं, वहीं दूसरी ओर एक ही बार में अपनी जिंदगी भर की कमाई को परोपकार के लिए दान कर देते हैं। इस पुस्तक में इसी उलझन को सुलझाने की कोशिश में वॉरेन बफे जीवन के उन झरोखों में झाँकने की कोशिश की गई है, जो कि संघर्ष, संयम, मितव्ययिता, परोपकार और अति-दूरदृष्टि जैसे गुणों से अँटे पड़े हैं। एक सफल व्यवसायी और उतने ही परोपकारी व्यक्ति की संवेदनशीलता और मानवीयता की झलक प्रस्तुत करती पठनीय जीवनी।.